लेखनी प्रतियोगिता -22-May-2023.... आइसक्रीम वाला..
मम्मी एक रुपया दो ना....
क्या करेगा इस वक्त....?
मम्मी वो आइसक्रीम वाला आएगा ना अभी...।
नहीं बिट्टू.... रोज रोज नहीं खाते बेटा आइसक्रीम... गला खराब हो जाता हैं...।
मम्मी प्लीज दो ना.... सिर्फ एक रुपये की तो बात हैं...।
एक रुपया कमा तो पता चले तुझे...। मेरे पास नहीं हैं तेरे उस आइसक्रीम के लिए पैसे...।
मम्मी दो ना...।
बोला ना नहीं हैं...। ये क्या तेरा रोज रोज का नाटक हैं...। आज आने दो उस आइसक्रीम वाले को... गली के सब बच्चों का दिमाग खराब करके रखा हैं... कल मोनू की मम्मी भी बोल रहीं थीं...।
क्या हुआ बहू.... क्यूँ इतना गुस्सा कर रहीं हैं...!
गुस्सा ना करूँ तो क्या करूँ.... पिछले आठदिन से रोज इसे आइसक्रीम खाने की लत लगी हैं.... गर्मी तो जैसे इसके लिए आई हैं...। कल वो विमला ताई भी बोल रहीं थीं माँ... रोज दोपहर को ढाई तीन बजे कोई आइसक्रीम वाला आता हैं.. गली के सारे बच्चे उसकी आवाज सुनते ही दौड़ पड़ते हैं...।
हां तो क्या हुआ बहू.... दे देना रुपया...। गर्मी भी तो इतनी पड़ रहीं हैं...।
माँ... अब आप फिर से इसकी साइड मत लिजिए... आपने ही सिर पर चढ़ा रखा हैं... आज आने दो उस आइसक्रीम वाले को... मैं देखती हूँ उसे.... ऐसी खबर लूंगी की कल से आना भूल जाएगा....।
आप नहीं जानती माँ... आजकल कैसी कैसी खबरें अखबारों में आ रहीं हैं...। एक तो मिलावट वाली घटिया क्वालिटी की आइसक्रीम खिलाते हैं... दूसरा बच्चे भी चुराकर ले जाते हैं... तभी तो भरी दोपहरी में ही आते हैं...।
बिट्टू की माँ आज अपने काम और गर्मी का पूरा प्रकोप आइसक्रीम वाले पर निकालने वाली थीं...। अपनी माँ का गुस्सा देख बिट्टू भी चुपचाप बरामदे की सीढ़ियों पर जाकर बैठ गया।
दोपहर के ढाई बजते गली में घंटी की आवाज के साथ "आइसक्रीम वाला " का स्वर गूंजते ही बिट्टू की माँ साड़ी का पल्लू कमर में अटका कर बाहर की तरफ़ तेज कदमों से चल दी...। तपती दोपहर में वैसे ही उसका पारा चढ़ा हुआ था.. । लेकिन वो जैसे ही आइसक्रीम वाले के पास आई.... उसका सारा गुस्सा... सारा पारा पल भर में ही काफूर हो गया...।
एक अधेड़ उम्र का बेहद लाचार सा शख्स.... जिसकी उम्र पचहत्तर वर्ष के ऊपर की लग रहीं थीं...। कमर झूकी हुई...पसलियां निकली हुई....गालों पर गहरे गड्ढे....बालों में सफेदी......।
वो आवाज सुनकर आये बच्चों के सिर पर प्यार से हाथ घुमा रहा था.. ओर सभी को अपनी साइकिल वाली छोटी सी आइसक्रीम की दुकान से रंगबिरंगी आइसक्रीम निकाल कर दे रहा था...।
सभी बच्चे उसे आइसक्रीम वाले बाबा के नाम से पुकार रहें थे...ओर ये सुनकर उसके चेहरे पर जो मुस्कान आ रहीं थीं वो देखते ही बनतीं थीं...। सभी बच्चों को बारी बारी से आइसक्रीम देने के बाद उस व्यक्ति ने बिट्टू की माँ से कहा :- आपको कौनसी आइसक्रीम दूं बहनजी...?
मुझे.... मुझे.... तीन मावा आइसक्रीम दे दो बाबा...।
कितने की हैं वो...?
सब एक ही भाव की हैं बहनजी... एक रुपया...।
ठीक हैं बाबा... दे दो..।
आइसक्रीम निकालते हुए उस शख्स ने पास खड़े एक बच्चे से कहा :- आज बिट्टू नहीं आया.... वो ठीक तो हैं ना...!
ये सुनकर बिट्टू की माँ बोलीं :- हां बाबा.... वो ठीक हैं... मैं उसके लिए ही आइसक्रीम ले रहीं हूँ...। मैं उसकी माँ हूँ...।
ओहह....। क्या हैं ना बेटा.... गर्मी बहुत हैं ना इसलिए बिमारी भी बहुत बढ़ गई हैं... इसलिए पूछा....। इन सब बच्चों से एक अलग ही लगाव हो गया हैं...। एक दिन नहीं देखता हूँ तो फिक्र हो जाती हैं...।
बिट्टू की माँ को आइसक्रीम देकर वो शख्स हाथ हिलाकर सभी को टाटा कहता हुआ वहां से जाने लगा...।
अपने आइसक्रीम की छोटी सी दुकान को हाथों से खींचते हुए कमर को झुकाकर अगली गली के बच्चों से मिलने....।
Babita patel
29-Jun-2023 03:11 PM
nice
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वानी
25-May-2023 11:01 AM
Nice
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Punam verma
23-May-2023 11:47 PM
Very nice
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